मानवीय कारणों से यह पामगढ़ क्षेत्र में अब तक पूर्ण नहीं हो पाया है. जिसके लिए समय- समय पर कलेक्टर (जिला जांजगीर-चांपा) तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी (CEO, पामगढ़) के द्वारा नियमित रूप से समिक्षा बैठक किया जाता रहा है.

नेशनल हेल्थ अथॉरिटी (NHA) एंव डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना (DKBSSY)  के अंतर्गत सभी नागरिकों का 5 लाख रुपये तक के निःशुल्क इलाज हेतु आयुष्मान कार्ड बनाया जाना है.

यह प्रक्रिया बीते 8 महीनों से चला आ रहा, लेकिन परिणाम निराशाजनक बनी हुई है. इसके सन्दर्भ में पामगढ़ क्षेत्र के सभी चॉइस सेण्टर ऑपरेटरों (CSC-VLE) को कई बार CEO पामगढ़ ने दिशा निर्देशित भी किया किया है, इसके बाद भी कुछ विशेष परिणाम नहीं मिल पाया है.

इन सबका एक प्रमुख कारण है लोगों का अपने जिम्मेदारी से पीछे हटना, जैसे

  • नागरिकों (हितग्राहियों) द्वारा आयुष्मान भारत पंजीयन में उदासीनता.
  • जिसके वजह से चॉइस सेण्टर ऑपरेटरों (CSC-VLE) में उदासीनता.
  • यह भी देखा गया है की बीते वर्षों में हितग्राहियों से कुछ चॉइस सेण्टर ऑपरेटरों (CSC-VLE)द्वारा गलत तरीके से मनमाना शुल्क लिया गया, आयुष्मान भारत पंजीयन व मुद्रित कार्ड वितरण हेतु. यह भी एक कारण है हितग्राहियों में उदासीनता का.
  • इसके अतिरिक्त आधार में निश्चित समय अंतराल में सुधार न होना, जिससे की बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन का पूरा न होने पंजीयन का लंबित हो जाना.
  • ग्रामीण हितग्राहियों की विस्थापन भी एक समस्या है, जिसके कई कारण होते हैं जैसे की प्रवासी मजदुर, हितग्राही (कन्या) का विवाह होना, पोते-पोतियों का नाम राशन कार्ड में जुड़ा होना जो की अपने माता-पिता के साथ किसी अन्य में रह रहे हैं, हितग्राही की मृत्यु, इत्यादि.

इन सब उलझनों से बचने के लिए जिला जांजगीर-चांपा के चॉइस सेण्टर ऑपरेटरों (CSC-VLE) को सर्वे करने के लिए पर्याप्त ट्रेनिंग व संसाधन उपलब्ध करवाया गया है. तथा समय-समय पर जिला स्तरीय स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा नए नियमों से अवगत भी कराया जाता है. जिससे की हितग्राहियों एंव चॉइस सेण्टर ऑपरेटरों को किसी समस्या का सामना न करना पड़े.

डाटा का स्रोत: https://dkbssy.cg.nic.in